Tuesday, 23 December 2014

धर्म की लूट

हर कोई बैठा जगत में धर्म का खाता खोल
तेरे मन में क्या है बन्दे तू भी तो कुछ बोल
तू भी तो कुछ बोल बदलना तुझको भी है ?
तेरे धर्म में मिलता तुझको ठौर नहीं है ?
लव जिहाद या घर को वापस तू भी हो ले
फिर मत कहना पड़ा नहीं कुछ तेरे पल्ले ।। 

Wednesday, 17 December 2014

जन्नत और ज़ुल्म

तेरी आँखों का पानी तो सूखेगा ही नहीं
खून के रंग से कुछ खौफ तुझे है भी नहीं
तेरा मालिक कभी और अलग होगा नहीं
तेरी नफरत से भला तेरा कभी होगा नहीं

अब भी मौका है ज़रा देख ख़ुशी बच्चों की
कितने मासूम हैं तू खुद भी पिघल जायेगा
तेरी वो सोच उन्हें कुछ कभी दे सकती है
कभी पूछ के तो देख कभी अपने से ?

#पेशावरहमला