दर्द सीने का अभी, चेहरे पे आ जाता है !
वक्त के साथ हुनर, उसमें भी आ जायेगा !!
जो बस सबकी ख़ुशी, के लिए ही जीता है !
मौत के बाद वही, सबको रुला जायेगा !!
साथ रहने की क़सम, रात दिन जो खाता है !
क्या पता एक रोज़, वो भी बदल जायेगा !!
छिपकर के किसी रोज़, कहीं दांव खेलता है !
जीती बाज़ी कोई वो, फिर से हार जायेगा !
आज वो फिर से मुसीबत में घिरा लगता है !
वाकई कौन सगा है, पता चल जायेगा... !!
मन के भाव पता नहीं कब एक कविता का रूप ले लेते हैं और लहरों की तरह बहते चले जाते हैं....
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Wednesday, 13 July 2011
Friday, 25 March 2011
कोई
किसी ने शाख़ और टहनी को फिर दुरुस्त किया !
ज़मीं पे आज फिर बिखरा है आशियाँ कोई !!
किसी ने सोच समझ बोल कर रिश्ते बदले !
भरे बाज़ार में फिर दिख गया तनहा कोई !!
किसी की आरज़ू और किस की ख़ता के चलते !
बिना गुनाह कहीं बन रहा मुजरिम कोई !!
किसी के हुस्न और किस की अदाओं के सदके !
दिल से मजबूर हुआ दूर दीवाना कोई !!
किसी की प्यास पे हावी हुआ जुनूँ इतना !
भरी बरसात में भी रह गया प्यासा कोई !!
Wednesday, 9 September 2009
जिंदगी
दिल खो गया है दिल का, या ये मेरी खता है.
मेरे अजीज़ खास, परेशान बहुत हैं..
उनके करीब होने से बदल जाती है दुनिया,
मेरी जिंदगी के सच से वो अनजान बहुत हैं..
हों राहें कितनी मुश्किल या दुश्वार मंजिलें ,
वो हमसफ़र जो हों तो सब आसान बहुत है..
मैं बच गया हूँ कैसे इन तूफानी राहों में,
ये देख के सब लोग अब हैरान बहुत हैं..
वो और रहे होंगें जिन्हें नाम की थी चाह,
मेरे खुदा के साथ मैं गुमनाम बहुत हूँ...
Sunday, 5 August 2007
मेंहदी रचे हाथ....
ख़ुद खूब सोच लो अभी इल्जाम से पहले,
कातिल नहीं हो सकते कभी मेंहदी रचे हाथ
वो पहली बार हमसे छिपा रहे थे कोई शै,
किए हाथ सामने तो दिखे मेंहदी रचे हाथ.
लो ख़ुद ही देख लो यहाँ तुम अपने प्यार को,
मुझको दिखा के कह गए वो मेंहदी रचे हाथ.
मेरे प्यार की हिना तो खूब रंग लायी है,
एहसास हुआ देख कर वो मेंहदी रचे हाथ.
हम कबसे थे बेताब उसी प्यारी झलक के,
मुझको वहां तक ले गए वो मेंहदी रचे हाथ.
आपस में लड़ने वालों ज़रा तुम भी देख लो,
हैं प्यार की बरसात से ये मेंहदी रचे हाथ.
इंतज़ार
इंतज़ार ही करना था तो कहा होता एक बार,
हम तो तुम्हारी राह में हर हद से गुज़र जाते.
कैसा लगा है तुमको कुछ इंतज़ार करके,
अपनी कटी है आज तक बस इंतज़ार में.
लग जाते चार चाँद हैं इस इंतज़ार में,
आते दिखाई देते हैं वो सामने से जब.
तुमने किया है एक बार इंतज़ार बस,
कहने लगे हैं जिंदगी को अब इंतज़ार हम.
आने वालों का तो होता है इंतज़ार बस,
हम उनकी राह में जो कभी भी न आयेंगें.
क्यों किसलिए किया था तुमने इंतज़ार कल,
उनकी निगाह झुकती गई पूछने पे यह.....
HAR EK SE BARH KAR WO JO MERE KHUDA HAIN..
KARTE RAHE EK SHAAM KO BAS MERA INTEZAAR.......
MAT POOCHHO KATI KAISE JUDAI KI RAAT WO,
SHAYAD MAIN JEE SAKUNGA AB INTEZAAR KARKE.
MIL BAHUT HAIN TUMSE, HAR ROZ TO MAGAR....
TUM BIN HAMEN JEENA KABHI ACHCHHA NAHIN LAGTA....
हम तो तुम्हारी राह में हर हद से गुज़र जाते.
कैसा लगा है तुमको कुछ इंतज़ार करके,
अपनी कटी है आज तक बस इंतज़ार में.
लग जाते चार चाँद हैं इस इंतज़ार में,
आते दिखाई देते हैं वो सामने से जब.
तुमने किया है एक बार इंतज़ार बस,
कहने लगे हैं जिंदगी को अब इंतज़ार हम.
आने वालों का तो होता है इंतज़ार बस,
हम उनकी राह में जो कभी भी न आयेंगें.
क्यों किसलिए किया था तुमने इंतज़ार कल,
उनकी निगाह झुकती गई पूछने पे यह.....
HAR EK SE BARH KAR WO JO MERE KHUDA HAIN..
KARTE RAHE EK SHAAM KO BAS MERA INTEZAAR.......
MAT POOCHHO KATI KAISE JUDAI KI RAAT WO,
SHAYAD MAIN JEE SAKUNGA AB INTEZAAR KARKE.
MIL BAHUT HAIN TUMSE, HAR ROZ TO MAGAR....
TUM BIN HAMEN JEENA KABHI ACHCHHA NAHIN LAGTA....
Friday, 3 August 2007
कल हलकी हवा से ....
करते रहे मुकाबला , गिन गिन के तूफानों का ,
पुख्ता दरख्त टूट गए , कल हलकी हवा से !
बचता रहा जो आज तक , बरसात पत्थरों की से ,
वो आइना चकना -चूर हुआ , कल हलकी हवा से !!
शर्मा के झुक गई थी नज़र , उनकी एक बार ,
लहरा जो गया दामन , कल हलकी हवा से !!!
उस शाख पे किसीका था , मज़बूत आशियाना ,
जो आ गया ज़मीन पे , कल हलकी हवा से !!!!
मज़बूत सफीने के जो , अब तक थे ना -खुदा ,
बहते हुए दिखे थे वो , कल हलकी हवा से !!!!!
उसका मेरे मरासिम , वैसे तो था पुराना ,
खिंचता पड़ा दिखाई वो , कल हलकी हवा से !!!!!!
पुख्ता दरख्त टूट गए , कल हलकी हवा से !
बचता रहा जो आज तक , बरसात पत्थरों की से ,
वो आइना चकना -चूर हुआ , कल हलकी हवा से !!
शर्मा के झुक गई थी नज़र , उनकी एक बार ,
लहरा जो गया दामन , कल हलकी हवा से !!!
उस शाख पे किसीका था , मज़बूत आशियाना ,
जो आ गया ज़मीन पे , कल हलकी हवा से !!!!
मज़बूत सफीने के जो , अब तक थे ना -खुदा ,
बहते हुए दिखे थे वो , कल हलकी हवा से !!!!!
उसका मेरे मरासिम , वैसे तो था पुराना ,
खिंचता पड़ा दिखाई वो , कल हलकी हवा से !!!!!!
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