Saturday 20 December 2008

चैन

आज कुछ मन उदास सा है 
कुछ करने की इच्छा 
या आकांक्षा भी तो नहीं.
बस याद करने को  
दिल करता है 
उन शहीदों को 
जिनका बलिदान हमें  
चैन से सोने देता है.

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