Thursday, 21 May 2009

ख़ुद को भूल जाना

कोई कैसे ख़ुद को
भूल जाता है ?
यह अपने आप में
ही रहस्य है॥
जिंदगी की ठोकर,
रोटी की कश्मकश,
अपनों की उपेक्षा,
जीने की कम इच्छा,
दोस्तों की बेवफाई,
दुश्मनों का साथ देना,
प्यार खोकर,
दर्द खरीदना,
खरीदी चीज़ें बेकार,
लगना।
आख़िर किस तरह,
से कोई फिर भी
ख़ुद को कैसे याद
रख सकता है
बस उस स्थित
को ही तो
हम कह सकते है,
ख़ुद को भूल जाना .......