वह बड़ा हो रहा था
उसे पता नहीं था की कब
कैसे क्या करना है ?
पर वो बड़ी हो रही थी और उसे पता था कि
अब सबसे पहले
चुन्नी ही तो संभालनी है
माँ दीदी से कहा करती थी
अब तू बड़ी हो गई है
अपना भी ध्यान रखा कर .....
वह बड़ा होता है तो उसका
ध्यान तो सिर्फ़ होता है
किसी सरकती हुई चुन्नी पर ही तो
जाति धर्म आयु का भेद भूल कर
वह बन जाता है
एक नेता की तरह
निरपेक्ष
भूखा भेड़िया ?
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