दर्द सीने का अभी, चेहरे पे आ जाता है !
वक्त के साथ हुनर, उसमें भी आ जायेगा !!
जो बस सबकी ख़ुशी, के लिए ही जीता है !
मौत के बाद वही, सबको रुला जायेगा !!
साथ रहने की क़सम, रात दिन जो खाता है !
क्या पता एक रोज़, वो भी बदल जायेगा !!
छिपकर के किसी रोज़, कहीं दांव खेलता है !
जीती बाज़ी कोई वो, फिर से हार जायेगा !
आज वो फिर से मुसीबत में घिरा लगता है !
वाकई कौन सगा है, पता चल जायेगा... !!
3 comments:
बहुत खूब !!
आज वो फिर से मुसीबत में घिरा लगता है !
वाकई कौन सगा है, पता चल जायेगा... !!
..sach musibat hi pata chalta hai kaun kitna saga hai.. bahut badiya prastuti..
shubhkamnayen!
बहुत सुन्दर!
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