आओ ये भी देखें हम,
कौन मरा है कौन बचा है,
आओ ये भी देखें हम.
शिव-भक्तों ने किया तांडव,
शबे-रात का मंज़र वो,
आने-जाने वाले पिटते,
आओ ये भी देखें हम.
मनमोहन जब ज़ोर से बोले,
हाइड सारा फूट गया,
अब प्रकाश भी करें अँधेरा,
आओ ये भी देखे हम.
बेटे पोतों की नादानी,
किसकी करनी किसको फल ?
दादा ड्राप पियें हज जायें,
आओ ये भी देखें हम.
बम विस्फोटों से दहला है,
सारे भारत का तन-मन,
सोता नेताओं का पौरुष,
आओ ये भी देखें हम.
राम सेतु पर नेता लड़ते,
अर्थ, धर्म पर भरी है.
अपनी संस्कृति ख़ुद ही खोदें,
आओ ये भी देखें हम.
घटती मुद्रा की स्फीति,
मंहगाई भी ऊपर जाए
बना कचूमर 'आम-आदमी',
आओ ये भी देखें हम.
कल तक जो गाली देते थे,
आज साथ में आए हैं,
है समाज अब समता मूलक,
आओ ये भी देखें हम.
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