पहने नहीं जो पूरे कपड़े,
मुँह से भाप निकालें भाई
सर्दी आई सर्दी आई....
गज़क मिठाई लड्डू खाएँ,
मूँगफली का मज़ा उठायें,
खाएं रेवड़ी और मिठाई
सर्दी आई सर्दी आई......
बाहर धूप नहीं है निकली,
कोहरे में है हालत पतली,
सर तक ढापें आज रजाई
सर्दी आई सर्दी आई........
जब भी हम बैठे पढ़ने को,
मन करता है फिर सोने को,
कम्बल में जब गर्मी आई
सर्दी आई सर्दी आई.......
सुबह सवेरे उठा करेंगें,
खूब पढ़ाई किया करेंगें,
कुर्सी मेज़ अभी लगवाई
सर्दी आई सर्दी आई.......
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