आज फिर
आ गई है नई किश्त
रोज़गार गारंटी योजना की,
गाँव में आपा -धापी के बीच
बन रही हैं योजनायें
इसको खर्च करने की.
आख़िर सभी के लिए ही तो है
यह अनूठी योजना।
गाँव के प्रधान-पति, ग्राम सेवक
ग्राम विकास अधिकारी,
खंड विकास अधिकारी भी तो हैं
आख़िर रोज़गार तो उन्हें भी तो देना ही है।
सरकार दिल्ली से लखनऊ तक
रोज़ बनाती है नई योजना विकास की
और यहाँ चिंता है अपने व्यक्तिगत विकास की
फिर भी कोई कुछ भी कहे
देश के कर्मठ लोग समर्पित हैं
देश के संसाधनों को रोकने में
आम जनता तक पहुँचने में
पंचायती राज व्यवस्था में भी ?
1 comment:
गाँव के प्रधान-पति, ग्राम सेवक
ग्राम विकास अधिकारी,
खंड विकास अधिकारी भी तो हैं
आख़िर रोज़गार तो उन्हें भी तो देना ही है
सच और सच कहा है ......... सरकार के लोग बस अपने आप को रोजगार देने की योजनायें बनाते हैं............. लाजवाब लिखा है
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